सुबह भाई से फोन कर पूछा, मेरा गुरजोत रोता तो नहीं और कुछ देर बाद आई शहादत की खबर

वन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र में आतंकी हमले में शहीद होने वाले सीआरपीएफ के 44 जवानों में तरनतारन के गांव गंडीविंड धत्तल का सुखजिंदर सिंह भी शामिल हैं। सुखजिंदर सिंह की शहादत की खबर वीरवार की रात जब गांव पहुंची तो परिवार को पहले यकीन ही नहीं हुआ। शहीद के भाई गुरजंट सिंह जंटा ने परिवार को जब शहादत की जानकारी दी तो पूरा परिवार सन्न रह गया। सुबह ही सूखजिंदर ने फोन कर भाई से पूछा था कि मेरा गुरजात राता ता नहा ह आर थाड़ा दर बाद हा उसका शहादत का खबर आ गई। इसके बाद तो परिवार में कोहराम मच गया ।पट्टी के गांव गंडीविंड धत्तल निवासी गुरमेल सिंह का बेटा सुखजिदर सिह सीआरपीएफ का 76वा बटालियन में बतौर कांस्टेबल तैनात थे। वह 28 जनवरी को एक माह की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौटे थे। जाते समय वह अपने आठ माह के बेटे को गुरजोत सिंह को बार-बार चूम रहे थे। उसकी शादी गांव शकरी निवासी सरबजीत कौर के साथ हई थी गरजंट ने बताया कि सखजिंदर फोन पर बार-बार अपने बेटे गुरजोत के बारे में पूछ रहा था कि वो रोता तो नहीं है। वह जल्द ही अपने बेटे के लिए ढेर सारे खिलौने भेजेगा। साथ ही अपनी बहन लखविंदर कौर के लिए कश्मीर के अखरोट भेजेगा। इसके बाद दोपहर करीब साढ़े 12 बजे हए आतंकी हमले में 44 जवानों के साथ सुखजिंदर सिंह की शहादत की खबर ने पूरे परिवार को पत्थर कर दिया। 1300 की आबादी वाले गांव गंडीविंड धत्तल के कई घरों में चूल्हा नहीं जल पाया। गुरजंट सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ क हडक्वाटर स सुखजिंदर सिंह की शहादत की खबर आते ही उसने अपनी मां हरभजन कौर को इसकी सूचना दी। शहादत की खबर सुनते ही अपने बेटे की फोटो हाथ में लेकर वह बार-बार कहने लगी कि उनका बेटा अब अमर हा गया। गुरजट न बताया कि सुखजिंदर सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को बाद दोपहर गांव गंडीविंड धत्तल पहुंचेगा।